Rishiamritbooti

|श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः || , | हिता हितं सुखं दुखम आयुस्तस्य हिता हितं। मानं च तच्च यात्रोक्तम आयुर्वेद सः उच्यते ||

RISHI AMRTI BOOTI SEWA SANSTHAN, BHARAT

गुरु जी डॉ. गोविंद, आयुर्वेदाचार्य

Guruji Dr. Govind, M.D.
Herbs Specialist & Spiritual Yoga Guru

जड़ी-बूटी विशेषज्ञ एवं आध्यात्मिक योग गुरु

आयुर्वेद का वैश्विक प्रसार: भारत से विश्व तक

आयुर्वेद

आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, लेकिन आज यह विश्वभर में अपने चमत्कारी फायदों के कारण प्रसिद्ध हो चुकी है। आयुर्वेद का मूल उद्देश्य शरीर, मन, और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखना है, और यही कारण है कि यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है।

आयुर्वेद का वैश्विक प्रसार:

  1. विभिन्न देशों में आयुर्वेद केंद्र: आज कई देशों में आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र खोले जा रहे हैं। यूरोप, अमेरिका, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में लोग आयुर्वेदिक उपचार और पंचकर्म का लाभ ले रहे हैं।
  2. आयुर्वेदिक उत्पादों की बढ़ती माँग: दुनियाभर में लोग अब प्राकृतिक उपचार और औषधियों की ओर लौट रहे हैं। आयुर्वेदिक दवाएँ, जड़ी-बूटियाँ, और त्वचा-देखभाल उत्पादों की माँग तेजी से बढ़ रही है।
  3. आयुर्वेदिक शिक्षा: कई अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय अब आयुर्वेद पर पाठ्यक्रम चला रहे हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर भी आयुर्वेदिक चिकित्सा से संबंधित कोर्स उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे दुनियाभर के लोग इसे सीख रहे हैं।

निष्कर्ष

आयुर्वेद आज केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक चिकित्सा प्रणाली के रूप में उभर रहा है। इसका प्रसार दुनियाभर में हो रहा है, और इसके लाभकारी गुणों के कारण लोग इसे अपनाने लगे हैं।