Rishiamritbooti

|श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः || , | हिता हितं सुखं दुखम आयुस्तस्य हिता हितं। मानं च तच्च यात्रोक्तम आयुर्वेद सः उच्यते ||

RISHI AMRTI BOOTI SEWA SANSTHAN, BHARAT

गुरु जी डॉ. गोविंद, आयुर्वेदाचार्य

Guruji Dr. Govind, M.D.
Herbs Specialist & Spiritual Yoga Guru

जड़ी-बूटी विशेषज्ञ एवं आध्यात्मिक योग गुरु

बरगद: पवित्र वृक्ष के औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ

बरगद

बरगद, जिसे वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है, हमारे देश में पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वृक्ष न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि आयुर्वेद में भी इसका विशेष स्थान है। बरगद का हर हिस्सा—चाहे वह उसकी जड़ें हों, पत्तियाँ, या छाल—औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

बरगद के फायदे:

  1. त्वचा के रोगों में लाभकारी: बरगद की छाल का पाउडर त्वचा के विभिन्न रोगों जैसे कि खुजली, एक्जिमा, और फोड़े-फुंसियों में राहत प्रदान करता है। इसका लेप बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से त्वचा की समस्याएँ दूर होती हैं।
  2. मधुमेह नियंत्रण: बरगद की जड़ का रस मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  3. दांतों और मसूड़ों के लिए: बरगद की जड़ से बना दातून मसूड़ों को मजबूत बनाता है और दांतों की बीमारियों को दूर रखता है। यह मुंह की दुर्गंध को भी समाप्त करता है।
  4. प्रजनन स्वास्थ्य: महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बरगद का सेवन फायदेमंद माना जाता है। इसके फल का सेवन गर्भधारण में सहायक होता है और महिलाओं की मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को दूर करता है।
  5. घाव भरने में सहायक: बरगद के पत्तों का रस घावों को जल्दी भरने में मदद करता है। यह एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है और संक्रमण से बचाता है।

उपयोग के तरीके:

  • बरगद की छाल: इसे पीसकर पाउडर बना लें और त्वचा की समस्याओं के लिए इसका लेप बनाकर उपयोग करें।
  • बरगद की जड़: इसकी जड़ का रस निकालकर मधुमेह नियंत्रण के लिए सेवन करें।
  • बरगद के पत्ते: पत्तों का रस निकालकर घावों पर लगाएँ या फिर इन्हें सुखाकर चूर्ण बनाकर अन्य रोगों के उपचार में उपयोग करें।

निष्कर्ष:

बरगद एक पवित्र और जीवनदायी वृक्ष है जो हमें कई रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। इसके औषधीय गुणों का लाभ उठाकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।