पित्त दोष: शरीर का अग्नि तत्व


आयुर्वेद में पित्त दोष का संबंध शरीर की गर्मी और ऊर्जा से होता है। पित्त दोष शरीर के पाचन तंत्र, तापमान नियंत्रण, और चयापचय को नियंत्रित करता है। यह अग्नि तत्व से बना होता है और जब यह संतुलित रहता है, तो शरीर में गर्मी, ऊर्जा और पाचन सही तरीके से काम करते हैं। पित्त […]
कफ दोष: शरीर की स्थिरता और मजबूती


कफ दोष आयुर्वेद का तीसरा प्रमुख दोष है, जो शरीर की स्थिरता, मजबूती और पोषण के लिए जिम्मेदार होता है। कफ दोष का संबंध पानी और पृथ्वी तत्वों से होता है, जो शरीर को स्थिर और स्थायित्व प्रदान करता है। यह शरीर के ऊतकों और तरल पदार्थों के निर्माण में सहायक होता है। कफ दोष […]